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इस्लाम ज़िंदा होता है हर कर्बला के बाद.......
10 मोहर्रम आशुर को यह ब्लोग पहली बार लिख़ा गया। ईस पर अज़ादारी के मातम/मरसीयों का ईंतेज़ार रहेगा।
Tuesday, February 23, 2010
"ईदे ज़हेरा" मुबारक
आज सभी
मोहिब्बाने
अहलेबैत
को
"
ईदे
ज़हेरा
"
की
मुबारकबादी
पेश करती हुं।
Monday, December 28, 2009
शहीदे करबला पे लाखों सलाम
ना भूलेंगे ना भूलेंगे अय हुसैन!! तेरा गम।
करेंगे बस करेंगे अय हुसैन!! तेरा मातम।
मज़लूमे करबला पे लाखों सलाम।
शहीदे
करबला पे लाखों सलाम
।
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